@📝 अनुपम दाहिया
साढ़े छः सौ की आबादी हर वर्ष बारिश के सीजन में गाव में ही कैद होने मजबूर हो जाते हैं।
शासन भले ही लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कह रहा है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और बयाकरती यहां हकीकत कुछ और ही है। कई गांवों में सड़क का अभाव है तो कही गांवों में पहुचने पुल-पुलिया का भी अभाव बना हुआ है। ऊँचेहरा विकाशखण्ड के कई गांवों में अभी तक विकास के नाम पर पुलिया और ग्रामीणों के चलने लायक सड़क तक नहीं मिल सकी है
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जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर स्थित ऊँचेहरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत भर्री के चकहटा, पोखरा, व कोटवरान बस्ती के लगभग साढ़े छः सौ की आबादी हर वर्ष बारिश के सीजन में गाव में ही कैद होने मजबूर हो जाते हैं। दरअसल गाव पहुचने के पहले कच्चा मार्ग होते लगभग 100 मीटर एक बड़ा सा नाला पड़ता है और वहां दशकों से पुलिया का निर्माण न होने के कारण एक मात्र नाला ही आवागमन का मुख्य जरिया बना हुआ है आए दिन यहां अनहोनी को दावत दी जा रही है। घुटने भर पानी में घुसकर बच्चे,महिलाएं और पुरुष आवागवन करने विवश हैं। और उनकी परेशानी बारिश के मौसम में और बढ़कर बदतर हो जाती है कुछ देर की बारिश में नाला उफान पर आ जाता है। और ऐसी स्थिति में स्कूली बच्चों ग्रामीणों व मरीज व सामान ले जाने आदि के लिए कई बार जिंदगी दांव पर लगाने पड़ते हैं नाले में पानी बढ़ते ही बड़ी नदी का रूप ले लेती है दूसरी जगहों पर जाने का संपर्क टूट जाता है। जान जोखिम में हमेशा बनी रहती है। कई बार लोग तालाब में डूबते हुए बचे हैं। इन गावो में आने वाले रिस्तेदार भी किसी के घर मे वाहनों को खड़ा करके नाले से पैदल गाव पहुचते है बारिश में अधिक पानी होने के कारण अधिकांश दिनों में लोगों का आना-जाना बंद ही रहता है।
जन को नहीं मिला आशीर्वाद
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यहां के ग्रामीण दशकों से कलेक्टर व स्थानीय विधायक प्रशासन जनप्रतिनिधियों से मांग करते आ रहे है पर किसी का भी ध्यान इस ओर आकर्षित नही हो रहा है गाव के ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया और एक किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 2009 में तत्कालीन लोकनिर्माण मंत्री रहे नागेंद्र सिंह द्वारा स्वीकृति की बात कहि गई थी पर उसके बाद से किसी भी तरह का ध्यान नही दिया गया और अब पंचायत द्वारा भी इसको नही बनाया जा सकता है इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन भी बेअसर साबित हो रही है कई मर्तबा शिकायत कर चुके है विगत वर्ष प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में जनआशीर्वाद यात्रा निकाली गई थी इस दौरान नागौद से मैहर के लिए यात्रा निकाली थी तब इसी मार्ग पर अटरा गाव के पास ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पुलिया के लिए लिखित आवेदन देकर अवगत कराया था जिस पर जल्दी बनवाने का आश्वासन मिला था इसके बावजूद आज तक कुछ नहीं हो पाया है। स्थिति जस की तस बनी हुई है । जिम्मेदारों ने कभी इनकी पीड़ा को समझा ही नहीं।अब पानी में घुसकर पहुंचना इनकी नियति बन गई है और अभ्यस्त भी हो चुके हैं।
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