रीवा नगर का गौरव व्यंकट भवन
प्राचीन रीवा रियासत जिसकी गिनती भारत की प्रमुख रियासतों में की जाती है। पूर्व काल में यहाँ के राजाओं द्वारा कई प्रसिद्ध इमारतों का निर्माण कराया गया। वेंकट भवन भी इन्ही इमारतों में से एक है, जिसका निर्माण 32वें महाराजा श्री व्यंकट रमण सिंह जूदेव द्वारा सन 1908 में करवाया गया था। उन्हीं के नाम पर इस इमारत का नाम " वेंकट भवन" पड़ा। शहर के बीचो- बीच स्थित यह भवन, चारो ओर छ्तरियों से घिरा हुआ हाॅल तथा शाही सुरंग के लिए प्रसिद्ध है।
कहा जाता है कि भवन के उपरी मंजिल में स्थित यह गोलाकार हाॅल शाही सम्मेलनों तथा राजकीय कार्यक्रमों के लिए बनाया गया था। इस हाल के चारो दिशाओं मे चार कक्ष हैं। वहीं महल के निचले भाग मे सुरंग बनाई गयी थी। बताया जाता है की इसे आक्रमणकारियों के डर से बनाया गया था। अमूमन प्राचीन सुरंगे संकरी हुआ करती थी, पर इसकी खास बात यह है कि यह लगभग 12 फीट ऊँची तथा उतनी ही चौड़ी भी है। यह सुरंग आगे चल कर दो दिशाओं में बट जाती है। जिसमें एक दिशा बावड़ी की ओर जाती है, जहाँ एक गोलाकार स्नानागार हुआ करता था। वहीं दूसरी दिशा अमरा कोठी की तरफ जाती है, जो आज प्रशासनिक इमारत में तब्दील हो चुकी है।
वर्तमान में इस भवन में मध्यप्रदेश शाशन द्वारा संग्रहालय संचालित किया जा रहा है जिसमे संग्रहीत पुरावशेषो में पाषाण प्रतिमाऐं, सिक्के, , काष्ठ सामग्री, पेंटिग आदि का संग्रह के साथ साथ पुरावशेष प्रतिमाओ का संग्रह है जिसमे अधिकतर ,10 वीं और 11वीं शती ई. के है।
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