शरद पूर्णिमा पर मैहर में सजी सुरों की महफ़िल
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पद्मश्री बाबूलाल दाहिया का हुआ सम्मान
शरद पूर्णिमा के अवसर पर संगीत साहित्य एवं कला के क्षेत्र में कार्य कर रही सस्था ,कला संगम, द्वारा मैहर स्टेशन के समीप हीरा निकुंज धर्मशाला में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य आतिथि के रूप में डॉ वी पी पांडेय विशिष्ठ अतिथि रविनन्दन मिश्र,व कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक चौबे ने किया।
इस दौरान साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को शाल श्री फल से सम्मानित किया गया।
पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने कहां की सतना से ज्यादा देश में मैहर का नाम प्रचलित है। क्यो कि जब बाहर के लोग मेरे यहाँ आना चाहते है तो यही पूछते है कि आप का गाँव मैहर से कितना दूर है। अपनी बघेली कविता के माध्यम से उनने समाज की विसंगतियों व पर्यावरण की वर्तमान स्थिति पर कई छंद दोहे और मुक्तक सुनाए जिसे लोगो ने खूब पसंद किया। लक्ष्मण सिंह परिहार ने जब अपनी कविता गाव गाव में मचा है कॉव कॉव व एक दूसरी कविता आँखें सुनाई जो स्रोताओ का मन मोह लिया। गीतकार शैलेन्द्र सिंह शैल का गीत,,जीवटता सीखो अपनी इस माटी से,काम करो ऐसा की सदिया याद करें।,,लोगो ने खूब सराहा। उधर वरिष्ठ कवि रामनरेश तिवारी जी ने अपने गीतों से माहौल बदल दिया। कवि रविजीत ने जहाँ ईश्वर की भक्ति पर अपनी कविता सुनाया वही हेमराज त्रिपाठी हंस ने,,फलाने के भईसी निकहा पल्हाथी सहित कई राजनीतिक,व सामाजिक कुरीतियो को उजागर करते हुये अपनी बघेेली कविताओ से लोटपोट कर दिया मंच में रमेश्वर तिवारी लहरी ठाकुर कुशवाहा ने जहाँ मंहगाई और भ्रष्टाचार पर कविता सुनाया वही श्यामबिहारी वाजपेयी ने प्रेम और सौंदर्य का बखान करते सब का मन जीत लिया। मैहर की कवियात्री मधु जैन माधवी की श्रंगार पर पढ़ी गई कविताएं लोगो ने खूब पसन्द किया।सम्मेलन में शिवम द्विवेदी एवंआशीष त्रिपाठी ने भी अपनी कविताओ का पाठ किया । कार्यक्रम का सफल संचालन आशीष त्रिपाठी व आभार प्रदर्शन नीरद चौरसिया ने किया गया। कार्यकम में मंच के सचिव विवेक गुप्ता,शिवम द्विवेदी पूर्व बी ईओ रविंनन्द मिश्र,रामनरेश तिवारी,जीपीओ चौरसिया,वीरेंद्र सिंह,शिवम द्विवेदी,इंद्रजीत सिंह आदि प्रबुद्ध जनों की विशेष उपस्थित उल्लेखनीय रही।
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