Saturday, October 19, 2019

फैमिली डॉक्टर ना बनाकर फैमिली किसान बनाने की आवश्यकता है - पद्मश्री बाबुलाल दाहिया

फैमिली डॉक्टर ना बनाकर फैमिली किसान बनाने की आवश्यकता है - पद्मश्री बाबुलाल दाहिया
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ऊँचेहरा जनपद क्षेत्र अंतर्गत बिहटा गाव में कृषि विभाग उचेहरा के आत्मा योजना अंतर्गत किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बिहटा के सभागार में पद्मश्री बाबुलाल दाहिया के मुख्यातिथ्य में किया गया जहाँ खरीफ व जायद फसलों के रोकथाम कीटव्याधि,बुआई व ,फल फूल, मोटे अनाज मिट्टी परीक्षण पर किसानों के साथ विस्तार से चर्चा की  उक्त उद्बोधन पद्मश्री बाबुलाल दाहिया ने मुख्यतिथ्य बतौर उद्बोबोधन में कहा  कि आज जितने भी अनाज है हमारे कृषक पूर्वजो ने  जंगलों में खोजे थे हमारे पूर्वज सदियों से बोते रहे हैं  फायदों को उन्होंने अपने हजारों सालों के विकासक्रम में खोजा हरित क्रान्ति की चाह में हमने अपने परम्परागत खेती और पानी के जमीनी भंडार का बहुत नुकसान किया है। अब वापस उनके इस्तेमाल पर जोर देना होगा। आज  जितने भी तरह के अनुसंधान हो रहे है हमारे उन्ही अनाजो में हो रहा है ।अब खेती लाभ का धंधा नहीं रही  पहले  कृषि आश्रित समाज था किसान खेत के अनुसार अनाज होता था पर अब बाजार के हिसाब से बो रहा है अब हमें देशी परंपरागत अनाज को बचाने की आवश्यकता है क्योंकि उनमें कम और अधिक पानी में पकने की क्षमता विकसित है उनमे रासायनिक खादों व कीटनाशी की आवश्यकता बिल्कुल भी नही है रासायनिक खादों कीटनाशी के दुष्परिणाम सब के सामने है इसलिए अब फैमिली डॉक्टर ना बनाकर फैमिली किसान बनाने की आवश्यकता है ।
इस दौरान राजेश तिवारी सम्भागीय यंत्री ने  कहा कि किसान और मवेशियों का चोली दामन का साथ है पहले हमारे  पुरखे  बुवाई से पहले खेत  पखरते थे साथ ही मधुमक्खी बचाने की बात कही उन्होंने कहा कि 10 में से 7 फसलें मधुमक्खियों पर ही निर्भर है वही नरवाई जलाने से जमीन के सभी पोषक तत्व नष्ट हो रहे है कोदो,कुटकी,सहित अन्य मोटे का महत्व बताया व इनकी अनाज की खेती से कुपोषण दूर किया जा सकता है इसके अलावा विभिन्न कृषि यंत्रों की जानकारी व कीटनाशक दवाइयों के बारे
बताया । 


हरी खाद और जैविक खाद को बढ़ावा देना
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र मझगमा के डॉ वेद प्रकाश सिंह ने रासायनिक खादों के दुष्परिणाम व मिट्टी में पीएच मान के प्रतिशत नियंत्रण पर अम्लीय व छारीय  मिट्टी पर पोषक तत्वों की कमी के बारे में बताया व  विभिन्न फसलों पर परिचर्चा की गई किसानों ने सवाल-जवाब  में खाद बनाने की विधि धान की फसल में कीट प्रबंधन आदि पर चर्चा की उन्होंने कहा कि आज खेती में हरी खाद और जैविक खाद  की आवश्यकता है
जैविक खेती से वैक्टीरियोका आकर्षण
डॉ पी आर पांडेय कृषि तकनीकी सलाहकार सतना ने किसानों को उदबोधन में कहा कि जैविक विधि से खेती ऐसा स्त्रोत है जिसमें अपने आप ही बैक्टीरिया पहुंचकर आकर्षित हो जाते हैं खेत को जैविक बनाए रासायनयुक्त खेती सभी बीमारियों की जड़ है अगर स्वस्थ और जीवित रहना है तो जैविक की ओर जाना होगा ।
कुपोषित हो रही मिट्टी
सेवानिवृत्त उपसंचालक आत्मा परियोजना सतना  के ए.आर त्रिपाठी ने कृषि यंत्र के बारे में किसानों से  चर्चा करते हुए स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर जोर दिया और कहा कि अब समय है जैविक खेती की ओर मुड़ने की सब का  पेट तो भर रहा है पर उससे अंधाधुंध बीमारियां भी बढ़ रही है जमीन  कुपोषित होती जा रही है ।

किसान को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है
 सेवानिवृत्त अपर संचालक कृषि एवं संचालक मंडी बोर्ड  आर एस चर्मकार ने कहा कि  किसान को आवश्यकता है की वह स्वयम ही आत्मनिर्भर बने व खुद  ही खाद और बीजोपचार जैविक विधि से कर सकता है पर वह बाजार पर निर्भर हो चुका है  

इनका किया गया सम्मान
इस दौरान कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पद्मश्री बाबूलाल दाहिया,व कृषक रामआसरे सिंह व रामखेलावन सिंह को शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया ।  कार्यक्रम में  किसान यूनियन ब्लाक अध्यक्ष ठाकुर प्रसाद सिंह ,राघवेंद्र सिंह, रामभद्र सिंह, गजेंद्र सिंह, गया सिंह ,महेश सिंह ,रामकरण सिंह, बाल्मीकि सिंह,मोहनलाल कुशवाहा ,चंद्रशेखर सिंह ,डॉक्टर गुलाब सेन ,धीरेंद्र सिंह ,किसान मित्र ,किसान दीदी व प्रगतिशील किसान बंधु आदि उपस्थित रहे आभार प्रदर्शन सहायक तकनीकी प्रबंधक जे पी सिंह ने किया ।

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