📝 अनुपम दाहिया
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पिथौराबाद में आयोजित हुआ जैवविविधिता प्रक्षेत्र प्रदर्शन
जैविक परम्परागत खेती करने व आदर्श ग्राम बनाने पर दिया जोर
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जैवविविधता की दृष्टि से प्रदेश और सतना जिला काफी सम्रद्ध रहा है यहाँ देशी अनाजो फलों और सब्जियों की काफी अधिक मात्रा में प्रजातियाँ मौजूद है जो यहां के देशी वातावरण में रची बसी थी इनमें यहां की गर्मी,वर्षा,और ठंड सहन करने की भरपूर क्षमता थी पर प्रगति की अंधी दौड़ और विपरीत परिस्थियों के चलते यह विरासत डोर होती चली जा रही है इसी विरासत को सजोने सहेजने के उद्देश्य से ऊँचेहरा विकसखण्ड क्षेत्र के पिथौराबाद गाँव मे पद्मश्री बाबूलाल द्वारा समिति बनाकर धान की 200 विलुप्त प्रायः किस्मे ,व गेंहू की 12 किस्मों व सैकड़ो जडी बूटियों ,मोटे अनाजो की प्रजातियो को सरक्षित किया जा रहा है किसानों को इनके महत्व संरक्षण संवर्धन और प्रचारित करने के उद्देश्य से विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी जैव विविधता प्रबंधन समिति पिथौराबाद और सामाजिक सांस्कृतिक व साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था सर्जना व आत्मा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में गाव के बीज बैंक परिसर में जैवविविधता प्रक्षेत्र दिवस व कृषक भृमण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे स्वागत उद्वोधन समिति अध्यक्ष पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने दिया।संचालन सह परियोजना संचालक आत्मा डॉ. अनिल मिश्रा व आभार प्रदर्शन समिति के इन्द्रपाल सिंह पटेल ने किया ।
घट रही हरियाली खतरे का संकेत
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मौजूदा समय में पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण, थाली में रसायनरूपी जहर सहित घटते जलस्तर और लगातार घट रही हरियाली आने वाली पीढ़ी के लिये खतरे का संकेत है। इस बात पर चिंतन मनन करने की जरूरत है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिये क्या छोड़कर जा रहे है। यह बात मध्यप्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव आर श्रीनिवास मूर्ति ने में किसानों को संबोधित करते हुए कही। जैवविविधता और पानी को बचाने पर जोर देते हुए श्री मूर्ति ने कहा की प्रदेश में कई जैवविविधता प्रबंधन समितियां काम कर रही हैं आप अब जैविक आदर्श गांव बनाने के लिए आगे आएं बोर्ड इसके लिए पूरी मदद करेगा। उन्होंने नरवाई जलाने के स्थान पर उसकी खाद बनाने, हाइब्रिड बीजों को छोड़ देसी बीज अपनाने के लाभ भी बताये। सदस्य सचिव ने यह भी कहा की आपके आसपास जो भी बनस्पति और अनाज हैं सभी जंगल से ही आये हैं।वही बोर्ड के प्रबंधक बकुल लाड ने जैव विविधता संरक्षण के लिए सभी को आगे आने का आह्वान किया।
मिट्टी ही नहीं सब कुछ जहरीला:-
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एकेएस विश्वविद्यालय कृषि संकाय के डीन डॉ. एस.एस तोमर ने रासायनिक खाद की निर्भरता में कमी करते जैविक तरीके से खेती करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बिना पानी के जीवन और खेती संभव नहीं है। इसलिए बरसात के पानी की एक-एक बूंद का संचय होना चाहिए। सेवानिवृत आत्मा परियोजना संचालक अशोक राज त्रिपाठी ने जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा आज रासायनिक उत्पादों के अंधाधुंध प्रयोग से खेत कुपोषित हो रहे हैं और उनसे उगने वाला अनाज खाकर सभी कुपोषण का शिकार हैं। उन्होंने जैविक तरीके से पोषक तत्व और कीटनाशक बनाने की विधि भी किसानों को बताई। संभागीय कृषि यंत्री राजेश तिवारी ने कहा किया आज अनाज,दूध,हवा, चारा ही नहीं सब कुछ जहरीला हो गया। हमें सोचना होगा कि इस जहर का उपयोग कैसे कम करें। सेवानिवृत्त अपर संचालक कृषि आरएस चर्मकार ने उन्नत तरीके से परंपरागत खेती को बढ़ावा देने वाले तरीके सुझाए तो उप संचालक कृषि बहोरीलाल कुरील ने कृषि उत्पाद के जैविक प्रमाणीकरण पर जोर दिया। सहायक परियोजना संचालक डॉ. अनिल मिश्रा ने किसान पेंशन योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम को पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह,डॉ.मौर्या, व,सेवानिवृत्य उद्यमिता अधिकारी बीपी सिंह,समाजसेवी आदित्य प्रताप सिंह,जगदीश यादव, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी उचेहरा आशीष चौकसे व आत्मा के उचेहरा बीटीएम जेपी सिंह ने भी संबोधित किया।
इनका किया गया सम्मान
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जैवविविधिता प्रबन्धन समिति की सक्रियता से क्षेत्र में लगातार जैविक खेती की ओर किसानों की रुचि बढ़ रही है इसलिए इन्हें प्रोत्साहित करने समिति के अध्यक्ष पद्मश्री बाबूलाल दाहिया,सदस्य रामबिहारी परौहा,रामलोटन कुशवाहा, इन्द्रपाल सिंह, सचिव छकौडिलाल पटेल, व सरपँचअशोक नागर,डॉ गुलाब सेन, महेंद्र पांडेय सहित अन्य सदस्यों का शॉल श्री फल से सम्मानित किया गया।
यह भी रहा आकर्षण का केंद्र
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कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रही प्रक्षेत्र प्रदर्शन प्लाट में उगाई जा रही 200 प्रकार की परम्परागत देसी धान की क़िस्में वही प्रदर्शित की गई मोटे अनाजों ,सब्जी व औषधि पौधों की सैकड़ो किस्मे एक साथ इतनी ज्यादा किस्मो को देख अचंभित रहे । कार्यक्रम में ,डिएफओ राजीव मिश्र ,एसडीओ फारेस्ट धीरेंद्र सिह,ऊँचेहरा रेंजर दीपराज सिंह , एसएडीओ.कृषि आर एस पटेल,
ग्रामसेवक रामभान सिंह,पंकज उरमलिया,
रामराज कुशवाहा, डिप्टी रेंजर रविकान्त वर्मा,अजय भदौरिया,निर्भयानन्द ट्र्स्ट आश्रम डुडहा से राधा दहायत पवन पांडेय,डॉ हीरालाल ,सहित हजारो की संख्या में दर्जनों गावो किसान पर्यावरण प्रेमी, व कृषक मित्र उपस्थित रहे ।
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इस दौरान समरिटन चिकित्सालय द्वारा निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया गया जिसमें चिकित्सक घनश्याम पांडेय सहायक द्वारा 100 अधिक ग्रामीणों का परीक्षण किया गया जिसमें 11 लोग मोतियाबिंद से पीड़ित मिले जिन्हें ऑपरेशन हेतु अस्पताल ले जाया गया ।
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