Tuesday, December 31, 2019

मायके गई विधवा महिला के घर से नगदी सहित गहने किया पार


ऊँचेहरा थाना क्षेत्र में बढ़ी चोरी की घटनाएं ,

मायके गई विधवा महिला के घर  से नगदी सहित गहने किया पार

        ठंड बढ़ने से ऊँचेहरा थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है पर पुलिस द्वारा एक भी आरोपी नही पकड़े गए है। 

अभी विगत दिनों पहले ड्रीम्स वैली स्कूल में पदस्त शिक्षक के घर हुई चोरी व उसके बाद  इटहा खोखर्रा में हुई  वारदात को  चार  दिन ही गुजरे थे कि शनिवार रविवार रात्रि के दरमियानी ऊँचेहरा के समीप ही  कारीमाटी में सूने घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर ने नगदी समेत सोने  चांदी के गहने पार कर दिये है  मिली जानकारी के अनुसार  रामबाई चौधरी पति स्वर्गीय प्रहलाद चौधरी निवासी वार्ड क्रमांक 10 घर में ताला लगाकर मायके लोहरौरा गई हुई थी । तभी मौके का फायदा उठाते हुए अज्ञात चोरों ने घर का ताला तोड़ अलमारी और पेटी खोलकर 20 हजार नगदी के साथ सोने के 5 लाकेट वाला मंगलसूत्र , 3 पाव चांदी की करधन और पायल समेत अन्य समान पार कर दिए हैं। महिला द्वारा चोरी हुए समान की सूची बनाकर उचेहरा थाने रिपोर्ट दर्ज कराई है। कायमी कर पुलिस जांच में जुट गई है ।

तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर घर में घुसा मौके पर हुई खलासी की मौत,

तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर घर में घुसा मौके पर हुई खलासी की मौत, 

सतना पन्ना नाका के पास आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया लेकिन, इस हादसे में एक युवक की मौत और एक गंभीर रूप से घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार  ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित एक मकान में जाकर घुस गया। 
ट्रक पन्ना से रीवा की ओर जा रहा था प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बताया गया कि ट्रक की रफ्तार बेहद तेज थी जो पहले सड़क किनारे स्थित एक पेड़ से टकराया उसके बाद मकान में जा घुसा गनीमत रही कि क्षतिग्रस्त हुए मकान में रहने वाले लोग अंदर के हिस्से में थे और उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए, और मकान का अगला हिस्सा धराशाही हो गया। ट्रक में मौजूद खलासी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई ।
वहीं चालक गंभीर रूप से घायल है घायल चालक ट्रक के अंदर ही फसा रहा जिसे निकालने के लिए स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन ने रेस्क्यू किया तकरीबन 4 घंटे  रेस्क्यू करते हुए बमुश्किल चालक को ट्रक के मलबे से बाहर निकाला गया जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है पुलिस ने मामले पर मर्ग कायम कर अग्रिम कार्यवाही कर रही है।

डीजल से भरा टैंकर करारी 10 फ़ीट पुल के नीचे गिरा, पुल के अंदर पानी होने से बड़ा हादसा टला

डीजल से भरा टैंकर करारी 10 फ़ीट पुल के नीचे गिरा,
पुल के अंदर पानी होने से बड़ा हादसा टला
         ऊँचेहरा थाना अंतर्गत नागौद ऊँचेहरा मार्ग पर बिहटा और गोवराव गाव के मध्य स्थित करारी रपटे पुल से डीजल से भरा एक टैंकर MP 19 HA 9317 आज शुबह करीब 5 बजे अनियंत्रित होकर पुल के नीचे जा गिरा। 
        हालांकि पुल के नीचे पानी होने के कारण टैंकर फटा नही जिसके कारण बड़ा हादसा टल गया। दुर्घटना में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। ड्राईवर लल्लू लाल यादव को हल्की चोट आई है ।ड्राइवर के अनुसार पुलिया में बड़े बड़े गड्ढे और संकीर्ण होने के साथ सुबह जोरदार कुहरा होने के चलते  ट्रक अनियंत्रित हो गया था । ट्रक टैंकर रिलायंस सीमेंट फैक्ट्री से डीजल लेकर झांसी डीपो जा रहा था ।हालांकि दोपहर को क्रेन की सहायता से टैंकर को नदी से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है

पहले भी दर्जनों हादसे इस पुल में हो चुके है 
            ज्ञात हो कि विगत 2 माह के अंदर यहां कई वाहन अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गिर चुके हैं। अभी विगत 3 महीने पहले करारी नदी के पुलिया के निर्माण के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया था व  ज्वलन्त परिवार ऊँचेहरा अनशन पर बैठा था साथ ही भोपाल पहुचकर प्रभारी मंत्री से मिलकर निर्माण कराए जाने की की मांग भी कर चुके है जिस पर उन्होंने अस्वाशन दिया था पर अभी तक कोई भी पहल नही की गई ।

पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को भोपाल में आंचलिक भाषा सम्मान से अलंकृत किया गया

पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को भोपाल में आंचलिक भाषा सम्मान से अलंकृत किया गया
दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय का दो दिवसीय स्थापना समारोह प्रणाम 2019 भोपाल में आयोजित किया गया था।
  समारोह के पहले दिन दुष्यंत कुमार के गजलों की संगीतमय प्रस्तुति हुई। व समारोह के दूसरे दिन  दुष्यंत कुमार राष्ट्रीय अलंकरण से संतोष चौबे इंदौर के वरिष्ठ साहित्यकार शरद पगारे को सुधीर्घ साधना सम्मान सहित पिथौराबाद सतना के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को उनकी दीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिए आंचलिक भाषा सम्मान से अलंकृत किया गया ।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक लीलाधर मंडलोई व अध्यक्षता वरिष्ठ कथाकार मुकेश वर्मा ने किया।

Thursday, December 26, 2019

पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को आंचलिक भाषा सम्मान




पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को आंचलिक भाषा सम्मान
दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय का दो दिवसीय स्थापना समारोह प्रणाम 2019 इस 29 और 30 दिसंबर को को शाम साढ़े पांच बजे भोपाल में आयोजित किया गया है । 
            समारोह में दुष्यंत कुमार के गजलों की संगीतमय प्रस्तुति और राष्ट्रीय अलंकरण समारोह होगा । दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने बताया कि समारोह में 29 दिसंबर की शाम दुष्यंत कुमार की गजलों की संगीतमय प्रस्तुति होगी । 
    
समारोह के दूसरे दिन दुष्यंत कुमार राष्ट्रीय अलंकरण से संतोष चौबे , इंदौर के वरिष्ठ साहित्यकार शरद पगारे को सुधीर्घ साधना सम्मान और  सतना के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को उनकी दीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिए आंचलिक भाषा सम्मान से अलंकृत किया जाएगा । 
      
समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक लीलाधर मंडलोई होंगे , जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ कथाकार मुकेश वर्मा करेंगे ।



Tuesday, December 24, 2019

2 दिन से लापता युवक । परिजनों का आरोप कोई बहला फुसलाकर ले गया होगा


2 दिन से लापता युवक । परिजनों का आरोप कोई बहला फुसलाकर ले गया होगा 
सतना नागौद थाना व उपथाना  पोंडी क्षेत्र के कुलगढी से  14 वर्षीय युवक 2 दिनों से लापता है
युवक का नाम शशिकांत गौतम पिता कृष्णकांत गौतम जो कक्षा 10 में पढ़ रहा था बताया गया कि 22 दिगम्बर को रोज की तरह वह सुबह 7 बजे घर से कुलगढ़ी में शिक्षक धर्मेंद्र गुप्ता के यहां ट्यूशन पढ़ने के लिये गया हुआ था  लेकिन दोपहर  तक घर नही पहुंचा परिवार जनों द्वारा पता किया गया तो वह ट्यूशन पढ़ने गया ही नही जब परिजनों द्वारा आसपास पूंछताछ की गई तो श्यामनगर से सतना चलने वाली महरानी ट्रेवल्स की बस में कुलगढ़ी में बैठा था  तब परिजनों द्वारा सतना व रिस्तेदारी में सभी जगह पता किया गया पर कही भी पता नही चला तो थाने में चाचा शिवाकांत गौतम द्वारा गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । आज देर शाम नागौद पुलिस  पहुची  परिवार जनों का कहना है कि कोई बहला फुसलाकर कर ले गया होगा । 
अधिक जानकारी के लिए परिजनों का सम्पर्क no - 7389664988



Saturday, December 21, 2019

देवीशरण सिंह ग्रामीण की पूण्य तिथि पर स्मरण - आज भी नही भूलते श्री ग्रामीण जी के साथ बीते दिन


देवीशरण सिंह ग्रामीण की पूण्य तिथि पर स्मरण

आज भी नही भूलते श्री ग्रामीण जी के साथ बीते दिन

बाबूलाल दाहिया

       समय कितना जल्दी निकल जाता है कि  मालूम ही नही पड़ता?
             आज सुबह जैसे ही मोबाइल खोला तो पिछले वर्ष आज के ही दिन  का श्री ग्रामीण जी पर लिखा मेरे पोते अनुपम का  लेख उनके चित्रों के साथ दिख पड़ा। और  सहजता सरलता किन्तु  स्वाभिमान से लबरेज ग्रामीण जी की याद ताजी हो गई । फिर तो श्री ग्रामीण जी के साथ बिताए पुराने दिन चल चित्र की तरह ह्रदय तल पर उतरना स्वाभाविक थे।
       क्योंकि हमें याद रहे न रहे पर सभी के हाथों में सुशोभित यह मोबाइल सब कुछ याद दिला देता है। 
         श्री ग्रामीण जी से मेरी पहली भेट  शायद 1969, 70,में हुई थी जब वे श्री त्रिभुवन सिह जी ऐडबोकेट के साथ हमारे गाँव आये हुए थे और  स्कूल में काव्यपाठ किये थे।
               पर मेरा बिधिवत परिचय 1982 में रहिकवारा कवि सम्मेलन से  हुआ।फिर तो पिथौराबाद के कवि सम्मेलन में हम लोग हर साल उन्हें बुलाने लगेे।और उनके आग्रह पर मैं भी गोष्ठिओ एवं पाठक मंच के कार्यक्रमो में नागौद आने लगा था। फिर तो उनकी लाटा धूल शिल्पी आदि कविताए लोगो के मन मे ऐसी बसी कि जब कभी ग्रामीण जी आते तो जिन्हें उनका नाम याद न होता तो कहने लगते
 ,,आज लाटा वाले कवि जी आए है?,,

          ग्रामीण जी का साथ मिला तो श्री कालिका त्रिपाठी, डा, कैलास तिवारी रामलाल सिह जी ,बालेंदु मिश्र, रमाकांत मिश्र, अरुण नामदेव अजीतसिंह कुँवर आदि साहित्यकारों की एक मंडली ही मिल गई  कुछ दिनों बाद डा, सेवाराम त्रिपाठी जी के आने से नागौद की साहित्यिक गतिविधियों को और ऊँचाई मिली।
        फिर शुरू हुवा भृमण तो भोपाल इंदौर गुना मंदसौर सागर जबलपुर चंडीगढ़ गोदरिगवां आदि न जाने कहा कहा प्रलेस एवं हिंदी साहित्य सम्मेलन व कवि सम्मेलनों में मुझे ग्रामीण जी के साथ जाने का अवसर मिला।
 1976 के चित्रकूट कहानी रचना शिविर और 77 के कोरवा नाट्य रचना शिविर में तो हम लोग पूरे 10,,10 दिनो तक साथ साथ ही रहे।
         ग्रामीण जी की सादगी सहजता को  हमारे साहित्यकार किस प्रकार उपयोग कर लेते थे? मुझे अबतक एक वाकया याद है।
        दर असल चित्रकूट रचना शिविर में हम लोगो को कहानी लेखन का प्रशिक्षण देने डा, काशीनाथ सिंह जी आए हुए थे और उन्हें शाम के समय दारू चाहिए थी। पर तीर्थ स्थल होने के कारण शाम को दूकान बन्द हो चुकी थी। 
      आखिर साथियो ने तरकीब निकालीऔर टहलने के बहाने ग्रामीण जी को वहां तक ला सड़क में खड़े कर  दूकानदार के निवास में जाकर उससे कहा कि 
          भैया यह कुर्ता धोती धारी छतीशगढ़ के बिधायक है जो बिना दारू  एक दिन भी नही रह सकते। इसलिए किसी तरह एक बोतल का प्रबंध कर दो । 
         और फिर हूं ब हूं कुर्ता जाकेट में बिधायक से दिख रहे ग्रामीण जी को दूकानदार कैसे निराश कर सकता था ?
    यह अलग बात है ग्रामीण जी को इस योजना का पता तक न चल पाया हो।
इसी तरह गुना में तो कुछ साहित्यकारों ने पीने के बाद एक खाली बोतल चुप चाप ग्रामीण जी के बैग में ही छिपा दिया । ताकि घर मे उन्हें भाभी जी द्वारा डॉट मिले कि अच्छा तो अब यह भी पीने लगे।
   वे देखने मे सहज सचमुच के ग्रामीण किन्तु बिचारो से उतने ही परिपक्व। जब गोर्बाचोव ने रूस की नीति को परिवर्तित किया तो उनके पेरास्तोयिका ग्लास्तनोत पर सतना में एक संगोष्टी थी।
             बाकी साहित्यकार जहां गोर्बाचोव की प्रसंशा कर रहे थे वही ग्रामीण जी ने अपने अलग तर्क रखते हुए कहा था कि गोर्बाचोव का यह कदम तीसरी दुनिया के देशों के लिए न सिर्फ घातकसिद्ध होगा बल्कि अमरीका को निरंकुश  भी बना देगा।

       ऐसे सहज  सरल किन्तु प्रतिबद्धऔर देश के तमाम साहित्य करो के चहेते थे अपने ग्रामीण जी। पर अब तो उनकी स्मृति ही शेष है।

आज उनकी पूण्य तिथि पर मैं उन्हें सादर नमन करता हूं।🙏🙏




Thursday, December 19, 2019

दुनिया की अनोखी बीमारी जिंदगी और मौत से जूझ रही बच्ची मदद की दरकार

दुनिया की अनोखी बीमारी  जिंदगी और मौत से जूझ रही बच्ची मदद की दरकार

Tuesday, December 17, 2019

दाहिया दहायत संग़ठन सतना द्वारा जाति प्रमाण पत्र की समस्या को लेकर सतना कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

मध्यप्रदेश दाहिया दहायत  समाज महासंघ सतना द्वारा अनूसूचित जाति का प्रमाण पत्र न बनाये जाने के विरोध में आज सतना कलेक्टर को ज्ञापन सौपा ।  
जिलाध्यक्ष राजेन्द्र दाहिया ने बताया गया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा सन् 2000 में अनुसंधान शाखा द्वारा मानव शास्त्रीय नृजातीय अध्ययन किया जा चुका है । जिसका निष्कर्ष यह है कि रीवा संभाग अंतर्गत निवासरत कोटवार जाति के लोग ही मूलतः दहायत जाति के लोग हैं और अनु.जाति की सूची के सरल क्रमांक 18 पर दहायत के साथ दाहिया को भी 2014 में जोड़ा गया है । व वर्तमान में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय एवं सामान्य प्रशासन के पोर्टल से भी 26 नवम्बर 2019 को कोटवार (पद सूचक ) शब्द को विलोपित किया जा चुका है । उसी आधार पर रीवा शहडोल एवं अन्य जिलों में दाहिया दहायत  को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है परंतु सतना जिले में प्रमाण पत्र ना बनाकर लाखों परिवार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिसके चलते हजारों छात्र छात्राओं का छात्रवृत्ति का फॉर्म नहीं भरने से परीक्षा से वंचित हो  जाएंगे और उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा ज्ञापन देकर एक सप्ताह का समय मांगा गया  है इस दौरान यदि प्रगति नही होती है तो छात्र-छात्राओं तथा पदाधिकारियों द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा ज्ञापन सौंपने में प्रदेश अध्यक्ष अनिल दाहिया संभागीय अध्यक्ष कृष्णपाल दाहिया ,रामकरण दाहिया रेरुआ ,बद्री दाहिया, अनुपम दाहिया पिथौराबाद,रामदीन दाहिया,पुष्पेंद्र दाहिया, शिवप्रसाद दाहिया, स्वामीदीन दाहिया फुटौधा,प्रदीप दाहिया डुड़हा,सचिन दाहिया,प्रेम दाहिया, राकेश दाहिया
सहित समस्त पदाधिकारी व सैकड़ों स्वाजातीय लोग उपस्थित रहे।







बिजली तारों के रूप में झूल रही मौत ग्रामीणों को दुर्घटना हाेने की सता रही चिंता


बिजली तारों के रूप में झूल रही मौत

ग्रामीणों को दुर्घटना हाेने की सता रही चिंता
जिले में हुए तमाम हादसों के बावजूद बिजली विभाग ने न तो सबक लिया है न ही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास कर रहा हा जिसका ताजा उदाहरण ऊँचेहरा विद्युत मंडल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मैनहा में बस्ती के बीच एक सप्ताह पहले चली तेज हवा  और पानी के चलते 11 हजार केवहीँ की बिजली की तार इंसुलेटर से टूट कर जमीन के करीब झूल रही है । और गाव में बिजली भी चालू है जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा ऊँचेहरा जेई व यहां के लाइनमैन हरीश श्रीवास्तव को दी गई थी पर आज तक लाइन काे दुरुस्त नहीं किया।बस्ती में सड़क के करीब  झूल रही यह 11 हजार केवी की लाइन से कभी भी बड़ा हादसा हाे सकता है। यहां ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि  इसके अलावा भी गाव मे कई जगह तार जमीन से महज 3 से 4 फीट पर ही झूल रहे हैं। जिसकी कई बार माैखिक व लिखित शिकायत की है लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 

Monday, December 16, 2019

ग्रामीण जी की स्मृति में साहित्यिक गोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजन


ग्रामीण जी की स्मृति में साहित्यिक गोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजन

 साहित्य जगत में अपना विशिष्ठ स्थान व अमिट छाप रखने वाले जन- जन के चहेते वरिष्ठ साहित्यकार स्व.श्री देवीशरण सिंह "ग्रामीण" की स्मृति में आगामी 22 दिसम्बर को नागौद के समीप उनके ग्रह ग्राम बाबुपुर में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे विन्ध्य क्षेत्र के अनेक रचनाकार शामिल होंगे।
          उनके बेटे श्री पुष्कर शरण सिंह ने बताया कि उनकी प्रथम वार्षिक अनुपस्थिति के यादगार में दो सत्र में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमे सुबह के सत्र में,,ग्रामीण जी के साहित्य में उनके जीवन मूल्यों और संघर्षों का प्रभाव,, पर एक गोष्ठी रखी गई है और दूसरे सत्र में एक कवि सम्मेलन का आयोजन जिसमे विन्ध्य अंचल के अनेक ख्यातिलब्ध रचनाकार सामिल होंगे। इन दोनों सत्र के कार्यक्रम हेतु डा.दिनेश कुशवाहा ,डा. सेवाराम त्रिपाठी रीवा ,पद्मश्री बाबूलाल दाहिया पिथौराबाद, श्री संतोष खरे सतना डा.विवेक द्विवेदी ,डा कैलाश तिवारी रीवा, रामलाल सिंह परिहार ,बालेंदु मिश्र, शैलेन्द्र सिह शैल नागौद रमेश सिह जाखी ,अजीत सिंह कुँवर,रामयश बागरी ,रविशंकर चतुर्वेदी, तेजभान सिंह तेज समेत विन्ध्य क्षेत्र के अनेक साहित्यकार,व साहित्य प्रेमी, बुद्धिजीवी अपनी सहभागिता देंगे।

परसमनिया पठार के गुढ़ा की बेटी अपर्णा बनी असिस्टेंट प्रोफेसर


परसमनिया पठार के गुढ़ा की बेटी अपर्णा बनी असिस्टेंट प्रोफेसर

Sunday, December 15, 2019

नीम के पेंड़ से निकली दूध की धारा लोगो के आस्था का केंद्र बना



नीम के पेंड़ से निकली दूध की धारा 
लोगो के आस्था का केंद्र बना

किसानों ने देखी बीज बैक में संरक्षित दुर्लभ अनाजो ,सब्जियों ,की किस्में

किसानों ने देखी बीज बैक में 
संरक्षित दुर्लभ अनाजो ,सब्जियों ,की किस्में
उचेहरा ,कृषि विभाग आत्मा परियोजना द्वारा ऊँचेहरा क्षेत्र के किसानों को जिले के अंदर कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत उचेहरा जनपद के विभिन्न ग्रामों के कृषकों का भ्रमण कार्यक्रम के दौरान ग्राम पिथौराबाद में जैवविविधिता प्रबन्धन समिति द्वारा संचालित सामुदायिक बीज बैंक में विभिन्न प्रजातियों के धान ,गेंहूँ,मोटे अनाजो सहित विभिन्न औषधि किस्मों का अवलोकन किया इस दौरान  पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने कृषकों को आज का ज्वलंत मुद्दा रसायन मुक्त खेती व परंपरागत बीजों का संरक्षण के साथ जैविक खाद के बारे में विस्तार से बताया । तथा कृषक दल का नेतृत्व कर रहे श्री जेपी सिंह, सहायक तकनीकी प्रबंधक आत्मा ने बताया कि यह भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कृषक उन्नतशील , कृषि यंत्रों का अवलोकन संभागीय,कृषि कर्मशाला के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्र मझगवा रेवरा बीज प्रसंस्करण एवं उद्यान प्रक्षेत्र का भ्रमण कर कृषक अपने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत महसूस कर रहे हैं कृषि को लाभ का धंधा बनाने की बात किसानों द्वारा की गई।


पोषण अभियान द्वारा सामुदायिक जरूकता बैठक सम्पन्न। बालिका महिलाओं व बच्चो की सुरक्षा पर दिया जोर


पोषण अभियान द्वारा सामुदायिक जरूकता बैठक सम्पन्न

ऊँचेहरा के करही कला में भूंख से तड़प कर मर रहे पशु ।मरे पशुओं की दुर्गंध से वातावरण है प्रदूषित


ऊँचेहरा के करही कला में भूंख से तड़प कर मर रहे पशु

ऊँचेहरा ।
जनपद के समीप ग्राम पंचायत करही कला में सड़क के किनारे गाव के ही  कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा 3 महीने पहले चारो तरफ लकड़ियों के सहारे बकायदा कटीली तार लागाकर पंचायत भवन के बगल से एक बाड़ा बनाया है जिसमे गाँव के आवारा मवेशियों को इसके अन्दर बन्द कर देते है पर इन बन्द किये हुए पशुओ के  चारा पानी की व्यवस्था न होने से महीनों में यहां दर्जनों गायों की मौत हो चुकी है जिसके कंकाल भी वही पड़े हुए हैं । वही पचासों भूंखो मरने की कगार पर है , लेकिन बावजूद इसके व्यवस्था में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है।यद्यपि भूंखे रहने के कारण  कुछ मवेशियों की स्थिति काफी नाजुक दयनीय दिख रही भूख-प्यास से तड़प रही गाएं इतनी कमजोर हो चुकी है कि सभी की पसलियां तक नजर आ रही हैं।जिनको चल पाने में भी परेशानी हो रही है।

मरे हुए पशुओं की दुर्गंध से वातावरण है प्रदूषित
गौशाला में मरे हुए पशुओं व कंकाल की दुर्गंध आस-पास रहने वाले लोगों के लिए नासूर बनी हुई है आस-पास इतनी अधिक बदबू है कि लोगों को वहां से गुजरना भी मुहाल हो जाता है। दुर्गध वातावरण को प्रदूषित करती है। वहीं इस तरह संक्रमण के कारण मृत पशु कई बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। वहीं मरे हुए पशु को खाने वाले कुत्ते मांस व हड्डियों को काफी दूर तक फैला देते हैं।

कड़े कानून सिर्फ कागजो तक सीमित

  यूं तो देखा जाए तो गोवंशों और पशुओं के विरुद्ध हो रही क्रूरता को रोकने के लिए कड़े कानून बनाये गए हैं । जिनके सही तरीके से क्रियान्वयन से गोवंशों और पशुओं के साथ हो रही क्रूरता को काफी हद तक कम किया जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य यह है भारत के ज्यादातर नियम अधिनियम मात्र कागजों तक ही सीमित हैं और जमीनी स्तर पर इन्हें अधिरोपित करने वाली कार्यपालिका की संस्थाएं भी नाकाम साबित हो रही हैं ।

उचेहरा की उड़नपरी रानी केवट ने जीता स्वर्ण पदक


ऊँचेहरा की रानी ने जीता स्वर्णपदक

सतना । उचेहरा नगर की रहने वाली रानी केवट ने संभाग स्तरीय में सबसे तेज धावक बनकर उचेहरा का नाम रोशन कर दिया है शासकीय महाविद्द्यालय उचेहरा की उड़नपरी रानी केवट ने एक बार फिर संभाग की सबसे तेज धावक का खिताब हासिल किया । महाविद्यालीन संभागीय एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में रानी ने 100 मी . रेस में प्रथम स्थान व 200 मीटर रेस में भी गोल्ड प्रथम स्थान प्राप्त किया संभागीय महाविद्यालय एथलेटिक्स मे गोरवान्वित किया। 
इस सफलता पर प्राचार्य अजय सिंह, डॉ पंकज श्रीवास्तव ,अनुराग वर्धन पांडे क्रीड़ा अधिकारी पंकज सिंह और डॉ सतीश गौतम डॉ रीता तिवारी डॉ जितेन्द्र पयासी , डॉ अरविन्द तिवारी एवम समस्त महाविद्यालयीन परिवार बधाई  शुभकामनाएं दी है। 

दहेज लोभी पति ने मारपीट करते पत्नी को बनाया बंधक और रचाया दूसरा विवाह


दहेज लोभी पति ने मारपीट करते पत्नी को बनाया बंधक और  रचाया दूसरा विवाह
___________________________________

पहली पत्नी के साथ यातनाएं व मारपीट करके बंधक बनाकर दूसरी शादी करने का  मामला सामने आया है  जिसमे पीड़िता की बहन ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है । आरोपी अतिथि शिक्षक है ।

सतना भैंसवार कोठी की रहने वाली शिवानी गौतम पिता स्व . दिलीप गौतम ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर बताया कि , उनकी बड़ी बहन शालिनी को शादी के बाद से ही उनके पति ससुर व देवर जेठ द्वारा लगीतार पिता का मकान बेचकर पैसा देने के लिए दवाब बनाया जा रहा था जब शालनी द्वारा रुपए नहीं दिए गए तो उससे पीछा छुडाने के लिए ससुराल के लोगो द्वारा मारपीट शारीरिक यातनाएं व मानसिक स्थिति खराब करने जबरजस्ती नशे की दबाइयाँ खिलाया गया व हत्या की कोशिश भी की गई है। ससुराल में बंधक बनाकर मोबाइल छीन लिया है व मायके पक्ष के लोगों से मिलने नही दिया जाता। शारीरिक यातनाएं दिए जाने से शालनी की तबियत खराब है। फिर भी उसका इलाज नहीं कराया जा रहा ।

पहली पत्नी के बिना सहमति  फौजी भाई व परिजनों ने करा दिया दूसरा विवाह

शिवानी ने उसने आरोप लगाते कहा है कि अब एक लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दी है शादीशुदा होने के बावजूद उनके जीजा शिवकांत त्रिपाठी पिता कृष्ण कुमार त्रिपाठी निवासी दुआरी के बड़े भाई जो आर्मी में पदस्थ है ने चोरी छिपे 25 नवंबर को सिंहपुर थाना क्षेत्र के रौड़ गाव में दूसरा विवाह करवा दिया है । जबकि , दूसरा विवाह करने के लिए पहली पत्नी की सहमति आवश्यक होती है या फिर कानूनन तलाक लेना होता है । रौड़ निवासी रावेन्द्र उर्फ झुल्लू शुक्ला पर इसमें दोषी हैं झुल्लू । बात से वाकिफ था कि शिवकांत शादीशुदा है और उसने पहली पत्नी से तलाक नही लिया है फिर उसने अपनी बेटी की शादी शिवकांत से की है ।

परिवारिक स्थिति दयनीय होने से बचपन से नैनिहाल मे ही रही

शिवानी के अनुसार उसकी बड़ी बहन शालिनी पिता की मौत के बाद अपनी नैनिहाल पोंडी ऊँचेहरा जनपद क्षेत्र के उपथाना के समीप गाव मझगवां में मामा - मामी के पास रहती थी मामा के द्वारा 6 मई 2017 को शालिनी का विवाह मझगमा से ही किया गया था  

पूर्व में भी हुआ था मुकदमा पर सामाजिक दवाब से हो गया समझौता

ससुराल के घर से निकाले जाने के बाद शालिनी द्वारा महिला थाना में शिकायती आवेदन दिया था । जांच के उपरान्त महिला थाना पुलिस ने शिवकांत त्रिपाठी ,ने ससुर कृष्ण कुमार त्रिपाठी के विरुद्ध धारा 498 ए , 294 , 506 , 34 आईपीसी एवं मप्र दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 / 4 के तहत प्रकरण दर्ज किया था । प्रकरण दर्ज के बाद उसके पति व ससुराल पक्ष ने समझौते का प्रयास किया और सामाजिक दबाव पड़ने पर शालिनी द्वारा न्यायालय में समझौता कर लिया गया था

Thursday, December 5, 2019

40 सालों से पुराने सिक्कों, नोटों और डाक टिकट का संग्रह कर रहा एक शख़्स

40 सालों से पुराने सिक्कों, नोटों और डाक टिकट का संग्रह कर रहा एक शख़्स

अनुपम दाहिया

सतना, प्रदेश के एक शख्स को पुराने सिक्कों, नोटों एवं डाक टिकटों का संग्रह करने का ऐसा जूनून है कि वह पिछले 40 सालों से यह काम कर रहा है। उसके संग्रह को देखकर लोग हैरान और दंग रह जाते हैं। उसके पास कई देशों के विभिन्न प्रकार के सिक्कों, नोटों एवं डाक टिकटों का एक अच्छा खासा संग्रह तैयार हो चुका है।

दरअसल सतना के सुभाष पार्क निवासी 58 वर्षीय राजेन्द्र अग्रवाल की पुराने सिक्कों, नोटों एवं डाक टिकटों का संग्रह करने में खासी दिलचस्पी है। राजेन्द्र 18 साल की उम्र से कलेक्शन कर रहे हैं। पिछले 40 सालों में राजेन्द्र ने अपने घर में ही मिनी संग्रहालय तैयार कर लिया है। जहां यह सब दुर्लभ चीजे संग्रहीत है। हालाँकि राजेन्द्र का जुनून अभी भी खत्म नहीं हुआ है। उनकी इच्छा है कि पूरी दुनिया के सिक्कों का संग्रह उनके पास हो।

राजेन्द्र घर के पास ही मेडिकल की दुकान पर व्यवसाय के साथ अपना शौक भी पूरा कर रहे है। उन्हें इस अनोखे कार्य के लिए देश की विभिन्न संस्थानों द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है। वह समय-समय पर प्रदर्शनियों में जाकर अपने संग्रह का प्रदर्शन भी करते हैं।

राजेन्द्र बताते हैं कि जब वह 18 साल के थे तब उनके पिताजी अग्रवाल समाज के जन्म स्थली गोहा जो हरियाणा में है से लगभग 200 वर्ष पुराने 80 सिक्के लाये थे। राजेन्द्र ने जब उन सिक्को को देखा तो उन्हें भी सिक्कों व नोट के संग्रह का ख्याल आया। धीरे-धीरे उनका वह संग्रह करते रहे और आज उनके पास अच्छा ख़ासा संग्रह हो गया है। उनके पास मुगलकालीन से लेकर कई राजघरानो के सिक्कों का अनूठा संग्रह है। किस सल्तनत के दौर में किस तरह के सिक्के चलन में थे। यह सब भी इनके संग्रह में देखे जा सकते हैं।

अलग-अलग कालखंड में विभिन्न प्रकार के जारी किये गये सिक्को की श्रृंखला में अधिकांश सिक्के इनके संग्रह में सम्मिलित है। इस संग्रह में रीवा व ग्वालियर राज घराने द्वारा चलाए गए सिक्को, मुगलकालीन सिक्कों एवं अंगेजो के जमाने के सिक्कों का संग्रह में समावेश है। इन सिक्कों में कुछ सिक्के अत्यंत पुराने एवं अन्य देशों के भी है। यदि इन के द्वारा संग्रहित सिक्कों का वजन किया जाए तो वह लगभग एक क्विंटल से अधिक ही होंगे।

राजेंद्र के पास तमाम ऐसे नोटो का जखीरा भी है जो अपने आप मे अद्भुत है। इनके पास दिनांक के 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100 व 500 रुपये के पुराने नोट भी मौजूद हैं। वे उस जखीरे से अपने चहेते मित्रो को उनके जन्म दिवस के दिनांक वाली नोट खोज कर उपहार तक में देते है। राजेन्द्र को नोटो की पहचान का इतना अनुभव हो गया है कि वे नोट को कुछ सेकंड हाथ में लेकर ही पहचान जाते है कि उपरोक्त नोट की किस जगह छपाई की गई है।

राजेन्द्र के इस जुनून में उनके परिवार के सदस्य, मित्र और रिश्तेदार भरपूर सहयोग करते हैं। अगर किसी को भी कही कोई अलग तरह के नोट या सिक्के दिखते है तो उसे लेकर इनके पास पहुँचते हैं। राजेन्द्र के संग्रहण का शौक अब उनके बेटे अग्रज अग्रवाल को भी लग चुका है। वह भी इस शौक में उनका हाथ बटाता है। मेडिकल स्टोर में रहते समय उसकी नजर भी उन अनोखी नोटो की तरफ बनी रहती है।

राजेन्द्र के पास ऐसे भी दर्जनों मिस प्रिन्ट वाले नोट है जिसमे दोनों तरफ एक ही प्रिंट, क्रीजिंग त्रुटि, गहरी स्याही प्रिंट, सिक्योरटी थ्रेड में त्रुटि, एक ही तरफ छपाई, ज्यादा बड़े पेपर, एक ही नोट में डबल छपाई व कई बिना सीरियल नम्बर के नोट भी है। उन्होंने बताया कि ऐसा करोड़ों की छपाई में कभी एकाध बार ही होता है। फिर मिस प्रिंट वाले नोट की छटनी होती है और उसके बाद ही बाजार में आता है। इससे गलती की गुंजाइश नहीं के बराबर होती है। इस तरह के दुर्लभतम और गलत छपाई वाले नोट की बहुत मांग होती हैं। हम संकलनकर्ताओ को ऐसे अवसर का बेसब्री से इंतजार होता हैं। संग्रह में ये कोई साधारण नोट नहीं हैं। बल्कि यह एक असाधारण और बड़े लोगों की दिलचस्पी वाले नोट होते है।

सिक्कों और नोट के अलावा राजेन्द्र पुरानी दुर्लभ डाक टिकट के कलेक्शन का कार्य भी करते हैं। डाक टिकट के संग्रह पर राजेन्द्र ने बताया कि हर डाक-टिकट किसी न किसी विषय की जानकारी देता है। उसके पीछे कोई न कोई इतिहास जरूर छुपा होता है। अगर हम इस छुपी हुई कहानी को खोज सकें तो यह हमारे सामने ज्ञान की रहस्यमयी दुनिया का नया पन्ना खोल देता है। जिसके द्वारा हम अनेक देशों के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, ऐतिहासिक घटनाएँ, भाषाएँ, मुद्राएँ, पशु-पक्षी, वनस्पतियों और लोगों की जीवनशैली एवं देश के महानुभावों के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Wednesday, December 4, 2019

एसपी साहब यहां भी है हैदराबाद जैसे हैवान , इनकी कब होगी गिरफ्तारी ?



एसपी साहब यहां भी है हैदराबाद जैसे हैवान ,  इनकी कब होगी गिरफ्तारी ?

18 वर्षीय दलित दाहिया परिवार की लड़की से दबंग लड़के ने किया था, दो महीने बाद भी कोई गिरफ्तारी नही परिजनों का आरोप राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस  ठोस कार्यवाही नही कर रही
______________________

सतना  । ऊँचेहरा थाना क्षेत्र के रगला गाव में एक मामला सामने आया है, जिसमे बलात्कार करने के बाद आरोपी दरिन्दे खुले आम घूम रहे हैं दरिंदों की शिकार पीड़िता युवती न्याय की आस में दर-दर भटकने को मजबूर है, और उसकी फ़रियाद सुनने वाला कोई नहीं है।

        इस मामले में पीड़िता ने बताया  कि घटना के दो महीने पूरे होने को हैं, पर अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया। दबंगों ने उसके परिवार का निकलना बंद करवा रखा है उन्होंने राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस द्वारा सही कार्यवाही न करने का आरोप लगाया है l उनके अनुसार आरोपीगण राजनीतिक पार्टी से हुड हुए है इसलिए उन पर ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है l इस मामले में पीड़िता व उसका परिवार एसपी ऑफिस व कई जनप्रतिनिधियों  तक का चक्कर लगा चुकी है लेकिन अभी तक उसे न्याय नही मिला

यह है पूरा मामला
विगत 15 अक्टूबर 2019 की  रगला गाव में एक 18 वर्षीय दलित दाहिया परिवार की युवती ने गाँव के ही एक दबंग युवक सिम्पू उर्फ लोकमन सिंह पिता वीरेंद्र परिहार पर बलात्कार का आरोप लगाया था।पीड़िता के अनुसार वह खेत मे दोपहर को करीब 1 बजे के लगभग खेत मे शौचालय के लिए गई हुई थी तभी आरोपी आ गया और मुंह दबाकर अरहर के खेत मे घसीटकर कर ले गया और उसके साथ जबरजस्ती बलात्कार किया और धमकी देते हुए कहा की जबान मत खोलना कुछ कर नहीं पाओगी। और किसी से बताया तो सब को मार दूंगा। इसके बाद घर पहुच पीड़िता ने परिजनों को बताया पर पर परिजनों ने दबंगो से डर के कारण शांत रहने को कह दिया जिस पर पीड़िता ने जहर पी लिया था तब आनन फानन में ऊँचेहरा अस्पताल में भर्ती किया गया जहां हालत बिगड़ने पर जिला असप्ताल रेफर कर दिया गया था। वहां पीड़िता ने चौकी में भी घटनाक्रम की जानकारी दी।

पीड़िता में हिम्मत और विश्वास कूट कूट कर भरा है
पीड़ित परिवार को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है और सुलह-समझौता का दबाव डाला जा रहा है लेकिन पीड़िता में हिम्मत और आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा है। वो वो कहती है कि हम गरीब हैं, दलित हैं लेकिन लालची नहीं। कुछ ले देकर हम समझौता नहीं करेंगे हमें सिर्फ न्याय चाहिए। आरोपी जेल जाएं और उन्हें सजा मिले। जिससे मेरी तरह अन्य लड़कियो के साथ ऐसी घटना न हो सके।

Tuesday, December 3, 2019

आदिम संस्कृति एवं जीवन शैली को दर्शाने वाला एक जीवन्त संग्रहालय शिपग्राम में है।



शिल्पग्राम में आदिम संस्कृति एवं जीवन शैली को दर्शाने वाला एक जीवन्त संग्रहालय है। 

✍ अनुपम दाहिया
         
पिछले सप्ताह हम 5 दिन के लिए उदयपुर राजस्थान में गए थे यहां शहर के समीप ही शिल्पग्राम में ऑर्गेनिक फॉर्मर एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा 3 दिवसीय जैविक महोत्सव का आयोजन किया गया था जिसमें में 20 से अधिक राज्यो के कृषि वैज्ञानिक, किसान, देशी बीज सरक्षक , शोधकर्ता  सभी एक ही मंच पर जैविक खेती के विकास को लेकर एकत्रित हुए थे ।


      उदयपुर शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर  ग्रामीण शिल्प एवं लोक कला परिसर शिल्पग्राम स्थित है। लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में भूमि क्षेत्र में फैला तथा अरावली पर्वतमालाओं के मध्य में बना शिल्पग्राम पशिचम क्षेत्र के ग्रामीण तथा आदिम संस्कृति एवं जीवन शैली को दर्शाने वाला एक जीवन्त संग्रहालय है। इस परिसर में पारंपरिक वास्तु कला को दर्शाने वाली झोंपड़ियां निर्मित की गई जिनमे भारत के पश्चिमी क्षेत्र के पांच राज्यों के भौगोलिक वैविध्य एवं निवासियों के रहन-सहन को दर्शाया गया है।
इस परिसर में राजस्थान की सात झोपड़ियां है।  जिनका प्रतिरूप राजस्थान के रेगिस्तान में स्थित गांव रामा तथा सम से लिया गया है।व
मेवाड़ के पर्वतीय अंचल में रहने वाले कुंभकार की झोंपड़ी उदयपुर के 70 किमी दूर गांव ढोल से ली गई है। 
दो अन्य झोंपड़ियां दक्षिण राजस्थान की भील सहरिया आदिवासियों की है।  साथ ही गुजरात राज्य की भी प्रतिकात्मक 12 झोंपड़ियां हैं इसमें छ: कच्छ के बन्नी तथा भुजोड़ी गांव से ली गई है। 
इसी के समीप पशिचम गुजरात के छोटा  गुजरात के आदिम व कृषक समुदाय जनजाति राठवा और डांग की झोंपड़ियां अपने पारंपरिक वास्तु शिल्प एवं भित्ति अलंकरणों से पहचानी जा सकती है। इसके अतिरिक्त लकड़ी की बेहतरीन नक्काशी से तराशी पेठापुर हवेली गुजरात के गांधीनगर जिले की काष्ठ कला का बेजोड़ नमूना है।