दाहिया ( दहायत ) समाज करेगा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं अनसन
मध्यप्रदेश दाहिया (दहायत) समाज द्वारा अनूसूचित जाति का प्रमाण पत्र न बनाये जाने के विरोध में 21 जनवरी को समाज के लोग सुबह करीब 10 बजे धवारी स्टेडियम में एकत्रित होकर शांतिपूर्व जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट परिसर में जायगे और वहां अनिश्चितक्लीन धरना-प्रदर्शन एवं क्रमिक अनशन प्रारम्भ करेंगे। उक्त मामले को लेकर पूर्व में विगत 17 दिसम्बर को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था और उनके द्वारा काम करवाने का आश्वाशन भी मिला था । किन्तु उसके बावजूद भी किसी तरह का अमल व कार्यवाही न होने के कारण, उक्त समाज की ओर से अब अनिश्चित कॉलीन धरना-प्रदर्शन व अनसन करने का निर्णय लिया गया है।
दाहिया दहायत समाज के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र दाहिया, सम्भागीय अध्यक्ष के.पी.दाहिया एवं प्रदेश अध्यक्ष अनिल दाहिया ने अपने संयुक्त वक्तव्य में बताया कि मध्यप्रदेश शासन के अनुसंधान शाखा द्वारा सन 2000 में उक्त समाज का मानव शास्त्रीय नृजातीय अध्ययन हुआ था जिसमें अनु जाति की सूची क्रमांक 18में दहायत के साथ दाहिया को भी जोड़े जाने की अनुशंसा की गई थी जो कि 2014 से गजट में है और यह भी स्पष्ट किया था कि रीवा सम्भाग अंतर्गत निवास रत कोटवार ही मूलतः दहायत जाति के लोग हैं। साथ ही पिछले दिनों पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय एवं सामान्य प्रशासन के पोर्टल से कोटवार (पद सूचक) शब्द को विलोपित भी कर दिया गया है जिसके आधार पर रीवा शहडोल एवं अन्य जिलों में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी भी किया जा रहा है। परंतु सतना जिले में दाहिया (दहायत) समाज के लोगों द्वारा जब अपने जाति-प्रमाण पत्र बनवाने हेतु लोक सेवा केन्द्र में आवेदन दिए जाते है तो तमाम दस्ताबेजो के बाबजूद भी वहां पर इन आवेदनों को लेने से मना किया जा रहा है। इस संबंध में एसडीएम सहित तमाम अधिकारियों से मिलने पर भी जाति प्रमाण-पत्र बनने की समस्या का निराकरण नही हो पा रहा। अस्तु मजबूर होकर धरना प्रदर्शन और अनसन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है क्यो कि प्रशासन के इस रवैए के चलते जिले के हजारो परिवार प्रभावित है जिनके प्रमाण पत्र नही बन रहे। परिणामस्वरूप एक ओर तो समस्त जिले के छात्र छात्राओं के छात्रवृत्ति के फॉर्म नहीं भरे जाने से वे परीक्षा से वंचित होगे जिससे उनका पूरा साल बर्बाद होगा दूसरी ओर शासन की अनुसूचित जाति वर्ग की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभ से भी उक्त समाज के लोग वंचित हो रहे है।
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